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Md Azhar Rahmani

एक कोशिश है कि कलम चलती रहे, बिना दवाव के, सच छपता रहे, बिना समझौतें के। यह प्रयास क्षेत्र में पत्रकारिता को पुनर्जीवित करने का है।

कलम निरंतर चलती रहे, बिना किसी दबाव के। सच उजागर होता रहे, बिना किसी समझौते के...

मीडिया कभी एक मिशन था, और आज यह एक पेशा बन गया है। वर्तमान दौर में अधिकांश मीडिया संस्थान या तो कॉरपोरेट घरानों के अधीन हो गए हैं या व्यक्तिगत स्वार्थों की पूर्ति का माध्यम बन चुके हैं। इस परिवर्तन ने पत्रकारिता के मूलभूत आदर्शों को हाशिये पर धकेल दिया है। कंटेंट के चयन और खबरों की प्रस्तुति जैसे महत्वपूर्ण निर्णय अब नैतिक मूल्यों के बजाय आर्थिक लाभ-हानि के आधार पर किए जा रहे हैं। पत्रकारिता एक व्यवसाय का रूप धारण कर चुकी है, जहाँ संपादक से लेकर संवाददाता तक सभी प्रबंधन के इशारों पर कार्य कर रहे हैं।

इस माहौल में, सीमित संसाधनों के साथ भी, हमने जनसरोकार से जुड़ी पत्रकारिता की पुनः शुरुआत करने का संकल्प लिया है। हमारा उद्देश्य है कि संपादक और पत्रकारों की नियुक्ति से लेकर खबरों की कवरेज तक, सभी निर्णय निष्पक्षता और पत्रकारिता के मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित हों। हमारा प्रयास है कि हमारे पत्रकार और संपादक स्वतंत्र रूप से अपनी बात कह सकें। यह स्वतंत्रता न केवल हमारे पत्रकारों की होगी, बल्कि हमारे पाठकों को भी हम वही मंच देंगे।

गिरते स्तर की चुनौती

आज के समय में पत्रकारिता अपने आदर्शों से भटकती हुई दिखाई दे रही है। अनेक अनैतिक प्रथाएँ, जैसे—खबरों का तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुतिकरण, पेड न्यूज़, निजी स्वार्थ के लिए समाचार का चयन, और पत्रकारिता के नाम पर व्यापारिक समझौते, इस क्षेत्र को दूषित कर रहे हैं।

हम अपने पाठकों को यह विश्वास दिलाना चाहते हैं कि कोई भी खबर, चाहे वह कितनी ही संवेदनशील या प्रभावशाली क्यों न हो, किसी विशेष व्यक्ति या संस्था के लाभ के लिए दबाई नहीं जाएगी। हम अपने पाठकों तक हर वह खबर पहुँचाने का प्रयास करेंगे, जो जनहित में हो। जनता आज इन अनैतिक प्रथाओं को समझने लगी है। पाठकों का मीडिया पर घटता विश्वास एक चेतावनी है। हमारा प्रयास होगा कि इस विश्वास को पुनः बहाल किया जाए।

सीमांचल की आवाज़: एक नई उम्मीद

‘सीमांचल की आवाज़’ की स्थापना इसी उद्देश्य के साथ की गई है कि पत्रकारिता को पुनः अपनी गरिमा और स्वतंत्रता लौटाई जा सके। हम यह मानते हैं कि पत्रकारिता को बचाए रखने का एकमात्र तरीका इसे संपादकीय और आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करना है। इस मिशन में पाठकों की भागीदारी आवश्यक है। हम उन पाठकों से अपील करते हैं, जो निर्भीक और निडर पत्रकारिता के माध्यम से सत्य तक पहुँचना चाहते हैं, कि वे हमारा सहयोग करें और इस प्रयास का हिस्सा बनें।

संकल्प और समर्पण

सत्यान्वेषी पत्रकारिता के इस पथ पर हमारा यह प्रयास भले ही छोटा हो, परन्तु इसके परिणाम व्यापक होंगे। इस राह में सबसे बड़ी चुनौती संसाधनों की सीमितता है, लेकिन हम यह वादा करते हैं कि संसाधनों की कमी को कभी सत्य के मार्ग में बाधा नहीं बनने देंगे। हम अपने पाठकों से यही अनुरोध करते हैं कि हमारे प्रयासों को अपना समर्थन दें, इसे दूसरों तक पहुँचाएँ, और हमें प्रेरणा व सुझावों से सशक्त करें।

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